योगी सरकार का फ़ैसला: मुज़फ़्फ़रनगर दंगों का मुक़दमा बीजेपी नेताओं से हटा, कोर्ट ने दी मंजूरी

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साल 2013 के मुज़फ़्फ़रनगर दंगों से जुड़े एक मामले में ज़िले की एक अदालत ने राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के 12 नेताओं के ख़िलाफ़ हिंसा भड़काने का मुकदमा वापस लेने की मंजूरी दे दी। इनमें राज्य सरकार के मंत्री सुरेश राणा,बीजेपी विधायक संगीत सोम, पूर्व भाजपा सांसद भारतेंदु सिंह और विश्व हिंदू परिषद की नेता साध्वी प्राची भी शामिल हैं। स्पेशल कोर्ट के जज राम सुध सिंह ने शुक्रवार को सरकारी वकील को मुकदमा वापस लेने की इजाजत दी। सरकारी वकील राजीव शर्मा का कहना है कि अभियुक्तों के ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए थे। उन पर सरकारी सेवकों की ड्यूटी में बाधा डालने और उन्हें गलत तरीके से रोकने का आरोप था। ये आरोप लगाया गया था कि अभियुक्तों ने अगस्त, 2013 के आख़िरी हफ़्ते में महापंचायत में हिस्सा लिया था और अपने भाषणों के जरिए हिंसा भड़काई थी। सरकारी वकील ने कोर्ट में ये आवेदन दायर किया था कि राज्य सरकार ने जनहित में ये फ़ैसला लिया है कि बीजेपी नेताओं के ख़िलाफ़ केस आगे नहीं बढ़ाया जाएगा और अदालत को मुक़दमा वापस लेने की मंजूरी दे देनी चाहिए। साल 2013 के मुज़फ़्फ़रनगर और उसके आस-पास के ज़िलों में सांप्रदायिक दंगे हुए थे जिनमें कम से कम 62 लोग मारे गए थे और 50 हज़ार से ज़्यादा लोग बेघर हो गए थे।
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