स्वदेशी रक्षा उत्पादों में 75 फीसदी तक विदेशी सामग्री का इस्तेमाल, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर उपकरण में 22 फीसदी विदेशी कलपुर्जे

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देश में रक्षा उत्पादन में तेजी तो आ रही है लेकिन जो सामग्री तैयार हो रही है, उसके निर्माण के लिए विदेशों से आयातित कुलपुर्जों पर निर्भरता लगातार बनी हुई है। रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार पोतों के निर्माण में 75 फीसदी और वायुयानों के निर्माण में 60 फीसदी तक सामग्री विदेशों से आयात करनी पड़ रही है। इससे देश में बनने वाले रक्षा उपकरणों के लिए भी एक बड़ी राशि विदेशी कंपनियों को जा रही है‌ हालांकि इस उच्च दर को कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं। 

पोत के 72 - 75 प्रतिशत कलपुर्जे आयातित 

रक्षा मंत्रालय के अनुसार जंगी पोतों का निर्माण करने वाली सार्वजनिक रक्षा कंपनी एमडीएल के प्रोजेक्ट 15बी और 17 ए पोतों के निर्माण में 72-75 फीसदी विदेशी कंपोनेंट का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के वर्ष 2024-25 तक पूरा होने के आसार हैं और इसके तहत कई पोतों का निर्माण किया जा रहा है। किसी स्वदेशी रक्षा उत्पाद में यह सर्वाधिक आयातित कंपोनेंट है।


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