गबन करके भागे अपराधियों को जल्द से जल्द भारत को सौंप दिया जाना चाहिए- प्रधानमंत्री मोदी

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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने आज एक वर्चुअल समिट में हिस्सा लिया। 

दोनों नेताओं के बीच आपसी सहयोग समेत कोरोना संक्रमण और दूसरे कई मुद्दों पर बात हुई। 

दोनों नेताओं ने कोरोना संकट को लेकर आपसी सहयोग का भरोसा जताया.।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन के अपने समकक्ष को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद कहा।वहीं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने भी भारत की पिछले साल संक्रमण के दौरान की गई मदद के लिए शुक्रिया कहा। 

दोनों नेताओं ने भारत और ब्रिटेन के बीच एक नई और व्यापक रणनीतिक साझेदारी पर सहमति ज़ाहिर की। दोनों नेताओं ने अगले दस वर्षों के सहयोग के लिए एक रोडमैप 2030 भी जारी किया। उम्मीद जताई गई कि यह भारत-ब्रिटेन के सहयोग को और अधिक बढ़ाने में अहम भूमिका अदा करेगा। इसके तहत दोनों देश पांच क्षेत्रों जैसे, आपसी जुड़ाव, व्यापार, रक्षा, जलवायु और स्वास्थ्य पर साथ मिलकर काम करेंगे।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने पीएम मोदी को बताया कि सीरम इंस्टीट्यूट ब्रिटेन में निवेश कर रहा है और वहां वैक्सीन बनाएगा।

इसके साथ ही दोनों नेताओं के बीच रक्षा से जुड़े उपकरणों के सह - उत्पादन और विकास पर भी चर्चा हुई।

वर्चुअल हुए इस शिखर सम्मेलन में दोनों देशों ने पैसों का गबन करके भागे अपराधियों के प्रत्यर्पण पर भी बात की। पीएम मोदी ने इस बैठक में कहा कि भारत से गबन करके भागे अपराधियों को जल्द से जल्द भारत को सौंप दिया जाना चाहिए।

ब्रिटेन के पीएम ने कहा कि आने वाले समय में फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफ़टीए) के ज़रिए ब्रिटेन, भारत के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को और बढ़ाएगा जिससे दोनों देश उन्नति करेंगे।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने वर्चुअल बैठक के दौरान भारत के साथ नए व्यापार और आपसी साझेदारी में एक बिलियन पाउंड के निवेश सौदों की घोषणा भी की।

इसमें ब्रिटेन में भारत के 533मिलियन पाउंड का निवेश भी शामिल है।ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि इन निवेशों से क़रीब छह हज़ार लोगों को नौकरी मिल सकेगी।


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