किसान आंदोलन का असर

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पंचायत चुनाव से पहले देश भर में और ख़ासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी किसान आंदोलन चल रहा था और इस दौरान राज्य में कोरोना संक्रमण और उसकी वजह से आम जनता को हुई परेशानियां भी चर्चा में थीं। ऐसा माना जा रहा था कि इन दोनों मुद्दों का चुनाव में ख़ासा असर होगा। किसान आंदोलन का असर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दिखा भी जब राष्ट्रीय लोकदल ने कई ज़िलों में बेहतरनी प्रदर्शन किया। हालांकि बीजेपी प्रवक्ता मनीष शुक्ला इसे नहीं मानते और कहते हैं कि मुज़फ़्फ़रनगर जैसे किसानों के गढ़ में भारतीय किसान यूनियन के ज़िला अध्यक्ष चुनाव हार गए।

लेकिन शामली में वरिष्ठ पत्रकार शरद मलिक कहते हैं कि पंचायत चुनाव में यहां किसान आंदोलन का ख़ासा प्रभाव रहा और साल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी इसका असर दिखेगा।


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