भारत में बना रेलवे का सबसे ताकतवर इलेक्ट्रिक इंजन, यात्रियों के साथ-साथ अर्थव्यवस्था को मिलेगी रफ्तार

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भारतीय रेलवे इन दिनों अपने आप को आधुनिक बनाने के लिए तेजी से काम कर रहा है। पटरियों को तेज गति के लिए मजबूत करने के साथ ही ताकतवर इंजन भी बनाने का काम लगातार जारी है। इस बीच भारतीय रेलवे ने अपने बेड़े में 12000 हॉर्स पावर के 100 वें डब्लूएजी 12बी इंजन को शामिल कर लिया। रेलवे के बेड़े में शामिल होने वाला यह 12000एचपी डबल्यूएजी 12बी का 100वां इंजन है। इसका नाम लोको को डब्लूएजी 12बी दिया गया है।

ऐसे आधुनिक और उन्नत किस्म के रेल इंजनों का निर्माण मेक इन इंडिया पहल के अंतर्गत किया गया है। यह देश के माल ढुलाई अभियान में क्रांतिकारी बदलाव ला रहे हैं। इन इंजनों के चलते माल गलियारों पर तथा अन्य मार्गों पर माल गाड़ियों की भीड़ में कमी लाने में मदद मिलेगी। क्योंकि यह इंजन अधिक क्षमता में माल ढुलाई करने में सक्षम हैं।सामान्य इंजनों की गति से अधिक रफ्तार से चलने वाले इन इंजनों को भारतीय रेलवे के सभी डिवीजन में लगाया गया है. यह बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।

रेलवे के मुताबिक, यह इलेक्ट्रिक इंजन समर्पित माल गलियारे के लिए कोयला ढोने वाली माल गाड़ियों के लिए बाजी पलटने वाले साबित होंगे।इन इंजनों को जीपीएस सिस्टम द्वारा ट्रैक किया जा सकता है ताकि इसके परिचालन को लेकर उपयुक्त रणनीति तैयार की जा सके। इस ट्रैकिंग व्यवस्था के लिए एंटीना और सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जा रहा है, जिन्हें नियंत्रण कक्ष में मौजूद सर्वर से माइक्रोवेव लिंक के द्वारा जोड़ा गया है।

डबल्यूएजी 12बी ई-लोको अब तक 48 लाख किलोमीटर का सफर तय कर चुके हैं। देश के 17 राज्यों तथा 2 केंद्र शासित प्रदेशों में विभिन्न आवश्यक वस्तुओं को पहुंचा चुके हैं। पहला 12000 हॉर्स पावर का इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव भारत में बिहार स्थित मधेपुरा इलेक्ट्रिक लोको फैक्ट्री में निर्मित हुआ था और 18 मई 2020 को इसे भारतीय रेलवे के पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन स्टेशन पर सेवा में शामिल किया गया था।


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