बिहार की ‘नाबालिग़ लड़की की शादी’: वायरल तस्वीर का सच

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सोशल मीडिया पर शुक्रवार सुबह से एक फ़ोटो वायरल है जिसमें पच्ची जैसी दिखती एक लड़की दुल्हन की पोशाक में है और उसके बराबर में एक युवक बैठा है जिसे उसका दूल्हा बताया जा रहा है। फ़ोटो में दिख रही लड़की की उम्र आठ साल बताई जा रही है जबकि लड़के की उम्र को लेकर दावा किया जा रहा कि वो 28 वर्ष का है।

वायरल फ़ोटो के बारे में पता करने पर जानकारी हुई कि इसमें दिख रही लड़की का संबंध बिहार के नवादा से है। नवादा के ज़िलाधिकारी यशपाल मीणा ने मिडीया को बताया, प्रारंभिक जाँच में ये मालूम चला है कि फ़ोटो में दिख रही लड़की नाबालिग़ नहीं है।

जिलाधिकारी मीणा के मुताबिक़ ये लड़की नवादा ज़िले के वारिसलीगंज थाने के मंजौर गांव की है।लेकिन वो अपनी मां के साथ जमुई ज़िले में रहती है जहां उसका ननिहाल है। लड़की के पिता दिल्ली की एक निजी कंपनी में काम करते हैं।

ज़िलाधिकारी ने बताया, ये तस्वीर वायरल होने के बाद जाँच टीम का गठन किया गया जिसके बाद मंजौर के ग्रामीणों ने बताया कि एक-डेढ़ महीने पहले ये शादी जमुई में ही हुई थी। जिसके बाद ये मामला जमुई ज़िला प्रशासन के पास भेजा गया। शुरुआती जाँच और आधार कार्ड में अंकित उम्र के आधार पर ये बात सामने आई है कि लड़की नाबालिग़ नहीं है।

उधर,फ़ोटो वायरल होने और प्रशासन की टीम के दौरे से मंजौर गांव के लोग नाराज़ हैं।

गांव के निवासी गोपाल कुमार कहते हैं, ये हमारे गांव की प्रतिष्ठा के साथ मज़ाक़ है। जिसने ये तस्वीर वायरल की है, उन पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए, लड़की की उम्र 19 साल से ज़्यादा है।उनका कोई परिवार इस गांव में नहीं रहता है। लड़की के एक चाचा थे जिनकी मृत्यु हो गई। जिसके बाद से ही घर में ताला लटका रहता है।

बिहार में साल 2017 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाल विवाह और दहेज प्रथा के ख़िलाफ़ अभियान की शुरूआत की थी जिसका असर भी दिखा था। लेकिन साल 2020-21 में कोरोना महामारी के बीच आर्थिक मुश्किलें झेलते राज्य में बाल विवाह की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं।


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