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बंदियों की गुहार - हमें पैरोल पर रिहा नहीं होना, जेल में ही रहने दो.... बाहर कोरोना है
जेल से निकलने के लिए बंदियों की छटपटाहट के विपरीत गाजियाबाद में चौंकाने वाला मामला सामने आया है। कोराना संक्रमण के मद्देनजर डासना स्थित जिला कारागार में पैरोल स्वीकृत होने के बावजूद चार बंदियों ने बाहर जाने से साफ इनकार कर दिया। यह चारों सिद्धदोष बंदी गाजियाबाद, शामली,अलीगढ़ और लुधियाना के हैं। जेल प्रशासन के मुताबिक इन बंदियों का तर्क है कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जेल अधिक महफूज है। इन बंदियों की सूचना शासन को भेज दी गई है।
जेल अधीक्षक आलोक सिंह ने बताया कि जेल में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए बंदियों की संख्या कम करने पर शासन व न्यायालय द्वारा विचार किया गया था। इसी कड़ी में सात साल तक की सजा वाले और 65 वर्ष से अधिक उम्र के सिद्धदोष बंदियों को 60 दिन की अंतरिम जमानत विशेष पैरोल देने का फैसला लिया गया था।ऐसे में जिला कारागार में बंद गाजियाबाद और हापुड़ के सात सौ से अधिक ऐसे बंदियों की सूची जिला जज गाजियाबाद और हापुड़ को भेजी गई थी। जो अंतरिम जमानत पर रिहा किए जाने के योग्य थे।
इसके अलावा 13 महिलाओं समेत 84 सिद्धदोष बंदियों को विशेष पैरोल पर छोड़ने के लिए उत्तर प्रदेश शासन को सूची भेजी गई है। जेल अधीक्षक ने बताया कि अब तक गाजियाबाद और हापुड़ के साढ़े सात सौ विचाराधीन बंदी दो माह की अंतरिम जमानत पर रिहा किए जा चुके हैं। इसके अलावा 54 सिद्धदोष बंदी भी दो माह की पैरोल पर जेल से बाहर भेजे जा चुके हैं।
चार बंदियों ने पैरोल लेने से किया इनकार
जेल अक्षीधक ने बताया कि सेक्टर-32 ए लुधियाना निवासी अशोक सहगल उर्फ रजनीश जैन, सजवान नगर विजयनगर निवासी भीमागांव कौंदा अलीगढ़ निवासी महीपाल सिंह तथा नई बस्ती कस्बा शामली निवासी बिजेंद्र की भी दो माह की पैरोल स्वीकृत हो गई थी, लेकिन इन चारों ने पैरोल पर जाने से मना कर दिया। जेल अधीक्षक के मुताबिक इन चारों का कहना है कि जेल से बाहर कोरोना संक्रमण खतरनाक स्तर पर है। सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने खुद को कोरोना से जेल में अधिक महफूज बताते हुए बाहर जाने से इनकार कर दिया। जेल अधीक्षक का कहना है कि इनकेअलावा तीन अन्य बंदियों की पैरोल का प्रस्ताव शासन में लंबित है।
जेल के 110 बंदी और 5 कर्मचारी हो चुके हैं संक्रमित
जेल प्रशासन के मुताबिक बंदियों को कोराना संक्रमण से बचाने के लिए कई स्तर पर काम चल रहा है। इम्युनिटी बढ़ाने के लिए उसी तरह से आहार दिया जा रहा है। इसके बावजूद अब तक जेल के 110 बंदी और 5 कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। हालांकि, वर्तमान में सिर्फ दो बंदी ही कोरोना संक्रमित हैं,जिन्हें जेल में ही अलग अहाता बनाकर आइसोलेट किया गया है। सभी कर्मचारी कोराना को हराकर ड्यूटी पर लौट चुके हैं।
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