अखिलेश ने सुसाइड नोट में लिखा दर्द, बच्चे जिंदा रहे तो नोंच खाएगा सूदखोर, इसीलिए साथ ले जा रहा हूं...

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उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में आर्थिक तंगी और सूदखोर से परेशान दवा कारोबारी ने सोमवार घर में अपने दो बच्चों को फंदे पर लटकाने के बाद खुद भी पत्नी के साथ फंदे से लटक कर जान देदी।। तीन सुसाइड नोट मिले हैं,तीनों में ही आत्महत्या के पीछे आर्थिक तंगी की बात लिखी है। पिता ने मरहैया मोहल्ले के रहने वाले अविनाश वाजपेयी के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने की एफआईआर दर्ज कराई है। मूलरूप से बरेली के फरीदपुर कस्बे के ऊंचा मोहल्ले के रहने वाले अखिलेश गुप्ता (42) को सूदखोर ने कितना प्रताड़ित किया था,वो पूरा दर्द उसके सुसाइड नोट में साफ दिखाई देता है। अखिलेश ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि उसे सूदखोर ने बहुत परेशान किया है। मानसिक तौर पर उसे तोड़कर रख दिया है। वह अब यह दबाव बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है। उसके मरने के बाद अगर उसके बच्चे जिंदा रहते हैं तो सूदखोर उन्हें नोंच खाएंगे। इसीलिए वह सबको साथ लेकर जा रहा है। सुसाइड नोट में उसने अपने बुजुर्ग माता-पिता से अपने इस कृत्य के लिए माफी मांगी है।

अखिलेश ने आत्महत्या के पहले एक सुसाइड नोट लिखा। फिर उन्हीं बातों को दो अलग-अलग पन्नों में भी लिखा है। सुसाइड नोट में अखिलेश ने लिखा कि सूदखोर ने उसे इतना ज्यादा प्रताड़ित किया है कि वह बता भी नहीं सकता। हर तरह से प्रताड़ित किया है। साथ में बिजनेस करता था सूदखोर, मुनाफा खुद रखता गया पुलिस सूत्रों का कहना है कि अखिलेश का दवाइयों का अच्छा काम था। आसपास के कुछ जिलों में भी उसकी सप्लाई जाती थी। सूदखोर ने दवाइयों में अच्छे प्रॉफिट को देखकर अखिलेश के साथ पार्टनरशिप कर ली थी लेकिन वह अखिलेश को होने वाले मुनाफे की रकम खुद के पास रखता था। अखिलेश के पास मिली डायरी के अधिकतर पन्नों में सूदखोर को दिए गए रुपये का हिसाब मिला है।


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