मसूरी - 2.74 किलोमीटर लंबी टनल के निर्माण को लेकर वैज्ञानिकों ने खड़े किए सवाल 

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पहाड़ों की रानी मसूरी में यातायात व्यवस्था को और अधिक सुगम बनाने को लेकर 700 करोड़ रुपए की लागत से प्रस्तावित 2.74 किलोमीटर लंबी सुरंग निर्माण कार्यों से पहले ही विवादों के घेरे में आ गई है।😍 सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 700 करोड़ रुपये के बजट स्वीकृत करने की जानकारी दी है, वही वाडिया इंस्टीट्यूट आफ हिमालयन जियोलॉजी के वैज्ञानिकों का मानना है कि बिना जियोलॉजिकल सर्वे और वैज्ञानिक अध्ययन के भूस्खलन और भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील मसूरी जैसे इलाके में इतनी लंबी टनल के निर्माण को स्वीकृति और बजट का आवंटन चौंकाने वाला पहलू है।👷 वाडिया इंस्टीट्यूट आफ हिमालयन जियोलॉजी के वरिष्ठ भूस्खलन विज्ञानी डॉ. विक्रम गुप्ता का कहना है कि मसूरी व उसके आसपास के इलाके का अध्ययन करने के बाद यह बात सामने आई है कि मसूरी व आसपास का इलाका भूस्खलन के लिहाज से काफी संवेदनशील है, ऐसे में इतनी लंबी टनल के निर्माण को मंजूरी के साथ ही बजट का आवंटन बिना किसी वैज्ञानिक अध्ययन या जियोलॉजिकल सर्वे के किया जाना चौंकाने वाली बात है। साथ ही डॉ. गुप्ता का यह भी कहना है कि आधुनिक युग में जहां समुद्र के नीचे सुरंगे बनाई जा रही है, वहीं मसूरी जैसे इलाकों में सुरंग का बनाया जाना बहुत मुश्किल नहीं है। बशर्ते कि इसके लिए तमाम पहलुओं पर वैज्ञानिक अध्ययन करने की जरूरत है। वाडिया इंस्टीट्यूट आफ हिमालयन जियोलॉजी के वरिष्ठ भूस्खलन विज्ञानी डॉ. विक्रम गुप्ता का कहना है कि मसूरी व उसके आसपास के इलाके का अध्ययन करने के बाद यह बात सामने आई है कि मसूरी व आसपास का इलाका भूस्खलन के लिहाज से काफी संवेदनशील है, ऐसे में इतनी लंबी टनल के निर्माण को मंजूरी के साथ ही बजट का आवंटन बिना किसी वैज्ञानिक अध्ययन या जियोलॉजिकल सर्वे के किया जाना चौंकाने वाली बात है। साथ ही डॉ.गुप्ता का यह भी कहना है कि आधुनिक युग में जहां समुद्र के नीचे सुरंगे बनाई जा रही है,वहीं मसूरी जैसे इलाकों में सुरंग का बनाया जाना बहुत मुश्किल नहीं है।बशर्ते कि इसके लिए तमाम पहलुओं पर वैज्ञानिक अध्ययन करने की जरूरत है।
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