ऑनलाइन पढ़ाई में ढिलाई पर संसदीय समिति हुई सख्त

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कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए स्कूल-कालेज बंद हैं और बच्चों के पास आनलाइन पढ़ाई ही एकमात्र विकल्प है। ऐसे में सभी बच्चों तक इसकी पहुंच न होने को लेकर शिक्षा मंत्रालय से जुड़ी संसद की स्थाई समिति ने गंभीर सवाल उठाए हैं। समिति का कहना है कि स्मार्ट फोन और इंटरनेट जैसी सुविधा अभी सिर्फ 30 फीसद बच्चों के पास है। ज्यादातर राज्यों में आनलाइन पढ़ाई इसके जरिये ही कराई जा रही है। ऐसे में बाकी के करीब 70 फीसद बच्चे इससे वंचित हैं।समिति का मानना है कि कोरोना काल में सभी बच्चों को पढ़ाने के लिए राज्य कुछ और बेहतर कर सकते हैं।इस मामले में समिति ने गुजरात और ओडिशा में बच्चों को पढ़ाने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे सेटेलाइट चैनल का उदाहरण दिया है। साथ ही सभी राज्यों से इसी तर्ज पर प्रयास करने का सुझाव दिया है।
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