किसानों के लिए ''मवाली" शब्द इस्तेमाल कर पीछे हटीं बीजेपी नेता मीनाक्षी लेखी

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बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने किसानों पर की विवादित टिप्पणी वापस ले ली है। सोशल मीडिया पर बहुत सारे लोगों ने उनके बयान को आपत्तिजनक बताया था।

लेखी ने कहा है कि "उनके शब्दोंं को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया।लेकिन उनके शब्दों से अगर किसी को ठेस पहुँची है, तो वे अपने शब्द वापस लेती हैं,

उन्होंने कहा है कि प्रेस वार्ता दरअसल किसी और मुद्दे पर थी, लेकिन बात को घुमा दिया गया.

गुरुवार को पेगासस जासूसी विवाद को लेकर संसद में हंगामे के बीच, बीजेपी नेता मीनाक्षी लेखी ने एक प्रेस वार्ता की, जिसमें किसानों के बारे में एक सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा था कि “पहले तो आप उन्हें किसान कहना बंद करिये. क्योंकि वो किसान नहीं मवाली हैं.”

उनकी इस टिप्पणी के ख़िलाफ़ सोशल मीडिया पर दिनभर काफ़ी हंगामा रहा. लोग उनसे यह बयान वापस लेने की माँग कर रहे थे. नई दिल्ली में प्रदर्शन करने आये किसानों को लेकर उनसे सवाल किया गया था. पहले तो उन्होंने किसानों के मुद्दे पर टिप्पणी को टालने की कोशिश की. लेकिन दोबारा पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “पहले तो आप उन्हें किसान कहना बंद कीजिये, क्योंकि वो किसान नहीं हैं. वो षड्यंत्रकारी लोगों के हत्थे चढ़े हुए कुछ लोग हैं जोकि किसानों के नाम पर ये हरकतें कर रहे हैं. किसान के पास समय नहीं है जंतर-मंतर आकर बैठने का, वो अपने खेत में काम कर रहा है. ये आढ़तियों के द्वारा चढ़ाये गए लोग हैं. ये नहीं चाहते कि किसानों को किसी भी तरह का फ़ायदा मिले.


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