बिजली कंपनियों का 11,240 करोड़ रु. बकाया

feature-top

देशभर में कोयले की किल्लत से कई राज्यों में बिजली की सप्लाई में 10-14 घंटे तक कटौती की जा रही है। विभिन्न राज्यों की बिजली कंपनियों और केंद्र के पॉवर प्लांट्स पर कोल इंडिया के 11,240 करोड़ रुपए बकाया है। कोल इंडिया राज्यों और केंद्र के उपक्रमों से वसूल नहीं पा रही है।

इसके उलट कोल इंडिया निजी कंपनियों से कोयले की सप्लाई के लिए एडवांस में रकम जमा कराती है। तकरीबन हर राज्य की बिजली कंपनी कोल इंडिया की देनदार है। इसी तरह केंद्र के तहत आने वाले सरकारी बिजली संयंत्र भी कोल इंडिया का बकाया नहीं चुका पा रहे हैं। एनटीपीसी पर सबसे अधिक 3,108.71 करोड़ रुपए बकाया है। दूसरे नंबर पर डीवीसी यानी दामोदर वैली कॉर्पोरेशन पर 1,124.25 करोड़ रुपए बकाया हैं।

*21 राज्यों की कंपनियों का 8,073 करोड़ बकाया*

देश के 21 राज्यों की बिजली कंपनियों से कोल इंडिया को कुल 8,073.76 करोड़ रु. बकाया हैं। इसमें से 468.98 हजार करोड़ रु. के भुगतान को लेकर विवाद है। यदि इसे छोड़ भी दिया जाए तो अविवादित बकाया राशि 7,604.78 करोड़ रु. है।


feature-top