मेहुल चोकसी ने बढ़ा-चढ़ाकर बताए जूलरी के दाम, बेईमानी और धोखाधड़ी के लिए यह हथकंडा भी अपनाया

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आईएफसीआई ने आरोप लगाया कि मेहुल चोकसी ने मूल्य निर्धारकों के साथ मिलकर बेईमानी और धोखाधड़ी की और अपनी जूलरी का आकलन बढ़ा चढ़ाकर दिखाया। 30 जून 2018 को ऋण रकम को एनपीए घोषित कर दिया गया और इससे आईएफसीआई को 22 करोड़ का नुकसान हुआ। आईएफसीआई का आरोप है कि मेहुल चोकसी ने वर्ष 2016 में 25 करोड़ का ऋण मांगा था। 

ऋण के बदले में उसने शेयरों और सोने तथा हीरे की जूलरी गिरवी रखने को दी थी। इनका मूल्यांकन सूरजमल लल्लू भाई एंड कंपनी, नरेंद्र झवेरी, प्रदीप सी शाह और श्रेणिक शाह जैसे मूल्य निर्धारकों से कराया गया, जिन्होंने गिरवी रखी गई ज्वेलरी की कीमत 34-45 करोड़ बताई। आईएफसीआई ने चोकसी को शेयर और सोने-हीरे के गिरवी जूलरी पर दो गुना सिक्योरिटी कवर के आधार पर ऋण दिया। 

2018 से भारत से है फरार चोकसी भारत से फरार होने के बाद 4 जनवरी 2018 से एंटीगा और बारबुडा में रह रहा था। यहां से लापता होने के बाद वह 23 मई को पड़ोसी देश डोमिनिका में अवैध प्रवेश के लिए गिरफ्तार किया गया था। 


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