राममंदिर की मजबूती के लिए 500 साल में आए भूकंपों का अध्ययन, ट्रस्ट ले रहा है कई एजेंसियों की मदद

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राममंदिर सदियों तक अक्षुण्ण रहे इसके निर्माण सामग्री के साथ ही कई बिन्दुओं का भी गहराई से अध्ययन कराया जा रहा है। इसके लिए ट्रस्ट कई तकनीकी एजेंसियों की मदद ले रहा है। उनकी रिपोर्ट के आधार पर नींव से लेकर प्लिंथ निर्माण तक का काम कराया जा रहा है। मंदिर एक हजार साल तक सुरक्षित रहे इसलिए ट्रस्ट ने बीते 500 सालों में आए भूकंपों से हुए नुकसान का अध्ययन भी कराया है।

राममंदिर जिस मजबूत आधार पर टिका होगा वह देश के कुछ चुनिंदा मंदिरों में ही देखने को मिलेगा। राममंदिर की नींव 80 फीट गहरी पत्थरों की दीवार से बनी है। इसके ऊपर भी डेढ़ मीटर की पत्थरों की रॉफ्ट ढाली गई है। अब इस रॉफ्ट के ऊपर सात लेयर में करीब 21 फीट ऊंची ग्रेनाइट पत्थरों की चट्टान बिछाई जा रही है। इसी मजबूत चबूतरे पर राममंदिर का गर्भगृह आकार लेगा।


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