क्या डॉ. साहा, बीजेपी को चुनाव जिता पाएंगे?

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इस सवाल का जवाब देते हुए राज्य के वरिष्ठ वकील और राजनीतिक विश्लेषक संदीप दत्ता चौधरी कहते है, "दरअसल मुख्यमंत्री बिप्लव देव के खिलाफ कई कारणों से आज जो माहौल है उसमें काफी विरोधी लहर है. इसके अलावा बीजेपी ने सत्ता में आने से पहले लोगों से जो वादे किए थे उनको बिप्लव देव की सरकार पूरा नहीं कर सकी."

इस बात को लेकर भी लोग चर्चा कर रहे हैं. लिहाजा बीजेपी ने साफ सुथरी छवि वाले डॉ. माणिक साहा को अगले चुनाव में पार्टी के नए चेहरे के तौर पर पेश किया है."

राज्य में मौजूदा ज्वलंत मुद्दों पर दत्ता चौधरी कहते है, "राज्य में माकपा के लंबे शासन में बेरोजगारी समेत कई समस्याएं थीं और प्रदेश के नाराज लोगों ने उन्हें हटाकर बीजेपी को मौका दिया. लिहाजा सरकार को अपने काम से जवाब देने की जरूरत थी. अब फिर से लोग इन्हीं समस्याओं पर बात कर रहे हैं."

ऐसी चर्चा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुलाकात के दौरान बिप्लब देव से कहा था कि त्रिपुरा चुनाव में बीजेपी एक नए चेहरे के साथ जाना चाहती है.

इसके बाद शनिवार को बिप्लब देव ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. त्रिपुरा में अगला विधानसभा चुनाव मार्च 2023 तक होने वाला है.


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