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समझौते से अपराधों की प्राथमिकी रद्द नहीं हो सकती, पैसे ऐंठने वालों पर भी होगी सख्ती-सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, समाज पर गंभीर प्रभाव डालने वाले जघन्य अपराध में पीड़ित, अपराधी या शिकायतकर्ता के बीच समझौते के आधार पर एफआईआर को रद्द नहीं किया जा सकता। अगर ऐसा किया गया तो एक खतरनाक मिसाल कायम होगी और लोग सिर्फ आरोपी से पैसे ऐंठने के लिए शिकायतें दर्ज कराएंगे।
जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन की पीठ ने कहा, यही नहीं, ऐसे तो दुष्कर्म, हत्या, दहेज उत्पीड़न जैसे गुनाह करने के बाद आर्थिक रूप से मजबूत आरोपी पैसे देकर समझौता कर लेंगे और कानून से बच जाएंगे। पीठ ने गुजरात हाईकोर्ट के आदेशों को खारिज कर दिया। इनमें एक आदेश वह भी शामिल है, जिसमें आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मार्च, 2020 में दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने बेटे को पिता के पास अमेरिका भेजने का आदेश दिया सुप्रीम कोर्ट ने बंगलूरू की एक महिला को अपने 11 साल के बेटे को अलग हो चुके पति के पास अमेरिका भेजने का आदेश दिया। शीर्ष अदालत ने कहा, बच्चे के सर्वोच्च हित और कल्याण के लिए जरूरी है कि वह अपने पिता के पास अपने पैतृक घर में रहे। जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने कर्नाटक हाईकोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें बच्चे की कस्टडी अमेरिका में रहने वाले पिता को सौंपने से इन्कार कर दिया गया था। पीठ ने कहा, इस मामले में 11 साल का लड़का सामान्य अमेरिकी नागरिक है और उसके पास अमेरिकी पासपोर्ट भी है। उसके अभिभावकों के पास अमेरिका का स्थायी निवास कार्ड भी है। जस्टिस रविकुमार ने कहा, हाईकोर्ट ने अपने आदेश में इन पहलुओं पर ध्यान नहीं दिया।
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