गोमूत्र खरीदी योजना को मिल रहा अच्छा रिस्पॉन्स

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छत्तीसगढ़ देश का इकलौता राज्य है, जहां खुद सरकार गोमूत्र की खरीदी करती है। प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने हरेली तिहार के दिन इस योजना का शुभारंभ किया था। इस योजना के तहत सरकार हितग्राहियों से 4 रुपए प्रति लीटर की दर से गोमूत्र खरीदी कर रही है। इस योजना का ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छा प्रभाव देखने को मिल रहा है। वहीं, गोमूत्र खरीदी में कवर्धा जिले ने रिकॉर्ड कायम कर दिया है।

मिली जानकारी के अनुसार कवर्धा जिले में गोमूत्र की रिकॉर्ड खरीदी हुई है। बताया जा रहा है कि यहां 307 लीटर गोमूत्र की खरीदी की गई है। बताया जा रहा है कि ये 63 गांवों के गौठान से खरीदी गई है। 307 लीटर गोमूत्र का हितग्राहियों को 1200 रुपए से अधिक का भुगतान किया जाएगा।

राज्य सरकार चार रुपये प्रति लीटर की दर से गोमूत्र की खरीदी करेगी। गोबर से जिस तरह जैविक खाद बनाकर बेचा जा रहा है। उसी तरह से गोमूत्र से जैविक कीटनाशक बनाकर गोठान समितियों और महिला स्व.सहायता समूहों के माध्यम से बेचा जाएगा। हरेली पर्व पर मुख्यमंत्री निवास में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। चंदखुरी की निधि स्व.सहायता समूह ने गोमूत्र खरीदने के लिए स्टॉल लगाया था। जहां सीएम ने पांच लीटर गोमूत्र बेचकर 20 रुपये कमाए। हरेली पर्व पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का ठेठ छत्तीसगढ़िया अंदाज भी देखने को मिला। सीएम ने गेड़ी और रेईचुली का आनंद भी लिया।

गोमूत्र की खरीदी से राज्य में जैविक खेती के प्रयासों को और आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे पशुपालकों को गोमूत्र बेचकर अतिरिक्त आय होगी। वहीं महिला स्व सहायता समूहों के माध्यम से जीवामृत कीट नियंत्रक उत्पाद आदि तैयार किए जाने से रोजगार का जरिया मिलेगा। इन जैविक उत्पादों का उपयोग किसान भाई रासायनिक कीटनाशक के बदले कर सकेंगे जिससे कृषि में लागत कम होगी।


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