खम्हारडीह बस्ती सूरज निकलने से पहले ढेर

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रायपुर के खम्हारडीह इलाके में नगर निगम ने कार्रवाई की। एक तालाब की सुंदरता बढ़ाने के मकसद से दर्जनों परिवारों के घर तोड़ दिए गए। सुबह शुरू हुई कार्रवाई आधी रात तक जारी रही। लोग अपने घर टूटते देखते रहे, दिन में सियासी हंगामा करने वाले नेता भी अपने घर चले गए। रात को जब आशियाना उजड़ रहा था, तब गरीबों के साथ किसी पार्टी का कोई नेता मौजूद नहीं था।

स्मार्ट सिटी में गरीब को जीने का हक नहीं बस्ती के युवक बबलू राव ने कहा कि हम यहां 50 सालों से रह रहे हैं। टैक्स पटाते हैं हमारे पास पट्टा है, मगर इसके बावजूद हमें रातों-रात हटाया जा रहा है। क्या स्मार्ट सिटी बनाए जाने वाले शहर रायपुर में गरीबों को रहने का हक नहीं है। आधी रात को लोग परेशान हैं। पुलिस और नगर निगम के अधिकारी हमारे साथ दादागिरी कर रहे हैं।

सूरज निकलने से पहले बस्ती ढेर

देर रात तक नगर निगम के कर्मचारी और अधिकारी पुलिस की मौजूदगी में बुलडोजर बस्ती पर चलाते रहे। मीडिया से बात करने में बचते हुए अफसरों ने बड़ी मुश्किल से बताया कि बस्ती तोड़कर तालाब के किनारे सौंदर्यीकरण करेंगे, पाथवे बनाएंगे लाइट लगाएंगे, ताकि लोग टहल सकें। मोहलत ना दी जाने की बात पर अधिकारियों ने कहा कि 3 महीने से बस्ती को व्यवस्थापित करने की जानकारी लोगों को दी गई थी, मामला हाईकोर्ट भी पहुंचा था। हाईकोर्ट ने ही विस्थापितों को शिफ्ट करने कहा, इसलिए कार्रवाई हुई, सभी लोगों को जानकारी थी? मगर लोग जानबूझकर बस्ती खाली नहीं कर रहे थे। लोगों को सामान शिफ्ट करने में नगर निगम ने मदद दी। सड़कों पर आवारा मवेशियों को पकड़ने वाले वाहन में लोगों का सामान लादकर कचना पहुंचाया गया।


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