कामनवेल्थ गेम्स में भारतीय महिलाओं ने लॉन बॉल में जीता गोल्ड, क्या है ये खेल

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लॉन बॉल एक तरह का बोलिंग गेम है. इसकी शुरुआत इंग्लैंड में तेरहवीं शताब्दी में हुई और इसके औपचारिक नियम और क़ानून 18वीं सदी के अंत में बने.

लॉन बॉल खेल की शुरुआत भारत में 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स से माना जाता है.

आज लगभग 40 देशों में ये खेल खेला जाता है. लॉन बॉल के इवेंट्स कॉमनवेल्थ गेम्स में तो होते हैं लेकिन अभी इसे ओलंपिक्स और एशियन गेम्स में जगह नहीं मिली है.

हालांकि 1966 को छोड़कर हर कॉमनवेल्थ गेम्स में इस खेल को शामिल किया गया है.

क्या होता है लॉन बाउल खेल

लॉन बाउल एक मजेदार खेल है और एक तरह से गोल्फ की तरह है। क्योंकि वहां भी गेंद को एक लक्ष्य तक पहुंचाना होता है और इस खेल में भी ऐसा ही कुछ है। हालांकि दोनों में कई बड़े बड़े फर्क भी है, जिसमें सबसे बड़ा फर्क ये होता है कि गोल्फ में स्टिक का इस्तेमाल होता है जबकि लॉन बॉल में हाथ से ही गेंद को आगे भेजना होता है। खैर आइए इस खेल के बारे में जानते हैं। दरअसल इस खेल में एक गेंद होता है जिसे जैक यानी कि लक्ष्य भी कहा जाता है।

इस जैक की तरफ ही गोलाकर गेंद को जमीन पर रोल करते हुए भेजना होता है। इसमें खेलने वाली दोनों टीमों को इसी प्रक्रिया का पालन करना होता है और अपनी गेंद को जैक के ज्यादा से ज्यादा नजदीक भेजना होता है। जिसकी गेंदें जैक के ज्यादा करीब होती हैं, वह अंकों के आधार पर विजेता बनता है।


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