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कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे चट्टान दरकने और मलबा आने से हुआ बंद, 500 यात्री 16 घंटे फंसे रहे
चट्टान दरकने और मलबा आने से कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे बगोली, आमसौड़, नलगांव, व हरमनी में बंद रहा। इससे पिंडरघाटी में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति ठप रही और यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। दोपहर तक हरमनी में हाईवे पर यातायात बहाल हो पाया जबकि आमसौड़ सहित अन्य जगहों पर सड़क बंद है। आमसौड़ में 500 से अधिक लोग फंसे रहे। बागेश्वर से अपने घर नारायणबगड़ आ रहे बीरेंद्र गुसाईं ने बताया कि वे किसी तरह 12 किमी पैदल चलकर दोपहर डेढ़ बजे नारायणबगड़ पहुंचे।
वहीं पंचपुलिया में मलबा आने से ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे करीब तीन घंटे जबकि कर्णप्रयाग-रानीखेत हाईवे पाडली में तीन जगहों पर मलबा आने से करीब छह घंटे तक बंद रहा। सिमली व सिरोसैंण में मलबा आने से यातायात दो घंटे तक प्रभावित रहा। टटासू गदेरा उफान पर आने से टटेश्वर महादेव मंदिर खतरे की जद में आ गया है।
डिम्मर के उमा देवी मंदिर के ऊपर आम का पेड़ गिरने से मंदिर क्षतिग्रस्त हो गया है। विद्यापीठ बस्ती में माहेश्वरी देवी की गोशाला क्षतिग्रस्त हो गई है। कर्णप्रयाग एसडीएम संतोष कुमार पांडे ने कहा कि सड़कों को खोलने का काम जारी है। जो लोग सड़क बंद होने से जाम में फंसे हैं उनको प्रशासन की ओर से पानी व जरूरी सामान उपलब्ध कराया जा रहा है।
दूसरी ओर देवाल, ग्वालदम, थराली और बागेश्वर जिले से देहरादून जाने वाले सैकड़ों मुसाफिर हरमनी में फंस गए। बागेश्वर से सुबह चार बजे देहरादून के लिए चलने वाली उत्तराखंड परिवहन की बस में कई मुसाफिर भूखे प्यासे सड़क खुलने का इंतजार करते रहे। देवाल से देहरादून जाने वाले मुसाफिर राकेश सिंह, बलवंत सिंह, देवकी देवी, प्रकाश चंद्र, रणवीर सिंह आदि ने बताया कि वे आठ घंटे से हरमनी में फंसे रहे। बीआरओ के इंजीनियर कृपाल सिंह ने बताया कि सड़क खोलने का प्रयास किया जा रहा है। जल्द सड़क आवाजाही के लिए खोल दी जाएगी।
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