बांके बिहारी मंदिर : हादसे के वक्त मंदिर में ही थे अफसर, फिर भी भीड़ नियंत्रण के इंतजाम फेल, दो की मौत

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जन्माष्टमी पर शुक्रवार की रात जहां एक तरफ मथुरा समेत पूरे ब्रज में कान्हा के जन्म को उत्सव मनाया जा रहा था, दूसरी तरफ वृंदावन के ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में भीड़ के दबाव के कारण दो श्रद्धालुओं की जान चली गई। यह हादसा मंगला आरती के दौरान हुआ। यह वर्ष में सिर्फ एक बार जन्माष्टमी के अवसर पर होती है। मंगला आरती के दर्शन के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ बांके बिहारी मंदिर में उमड़ी थी। इसी दौरान मंदिर के गेट नंबर एक और चार पर कई श्रद्धालु बेहोश होकर गिर गए, जिससे मंदिर परिसर में अफरातफरी मच गई। किसी तरह पुलिस ने श्रद्धालुओं को मंदिर से बाहर निकाला। भीड़ के दबाव के कारण दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि सात घायल हो गए। हादसे के वक्त मंदिर में डीएम, एसएसपी, नगर आयुक्त समेत कई अफसर मौजूद थे, फिर भी भीड़ नियंत्रण के इंतजाम फेल हो गए। 

बताया जाता है कि बांके बिहारी मंदिर में मंगला आरती के दौरान क्षमता से कई गुना अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी थी। एक अनुमान के मुताबिक मंगला आरती के दर्शन को एक लाख से अधिक श्रद्धालु वृंदावन पहुंचे थे। मंदिर परिसर में पैर रखने तक की जगह नहीं थी। बांके बिहारी मंदिर की गलियों में भी भारी भीड़ थी।

भीड़ के कारण कई श्रद्धालु बेहोश होकर गिर गए, जिनके ऊपर से कई लोग गुजर गए। हादसे में नोएडा सेक्टर 99 निवासी महिला निर्मला देवी पत्नी देव प्रकाश और रुक्मिणी विहार कॉलोनी वृंदावन निवासी और मूल निवासी जबलपुर के राम प्रसाद विश्वकर्मा (65) की मौत हुई है। इनकी पत्नी भी घायल हुईं है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में दो श्रद्धालुओं की मृत्यु पर दुख जताया है। उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को घायलों को उचित इलाज मुहैया कराने का निर्देश दिया है।


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