कच्चा तेल सात महीने में सबसे सस्ता, फिर भी नहीं घट रहे दाम

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अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें सात महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई हैं, लेकिन देश में पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतें नहीं घट रही हैं। बताया जा रहा है कि सरकारी तेल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दामों में बढ़ोतरी के बावजूद बीते पांच महीनों तक ईंधन के खुदरा मूल्य को थामे रहीं और अब वे इस दौरान हुए अपने नुकसान की भरपाई कर रही हैं।

बेंट क्रूड 92.84 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है मंदी की आशंका के बीच मांग पर असर पड़ने से ब्रेंट क्रूड फरवरी के बाद पहली बार पिछले हफ्ते 90 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गया था। हालांकि अब यह सुधरकर 92.84 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है जोकि छह महीने का सबसे निचला स्तर है। रूस के उत्तरी पाइपलाइन को बंद करने और तेल उत्पादक देशों के गठजोड़ ओपेक के तेल उत्पादन में कमी करने जैसे कारकों के बावजूद तेल की कीमतों में गिरावट की स्थिति बनी हुई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में कमी आने के बावजूद भारत में पेट्रोल, डीजल की खुदरा कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। कीमतों को बीते 158 दिनों से एक बिंदु पर स्थिर रखा गया है।


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