भारत के टूटे चावल के निर्यात पर रोक लगाने से चीन में पैदा हो सकता है खाद्य संकट

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भारत के टूटे चावल के निर्यात पर रोक लगाने के फैसले से चीन में खाद्य संकट उत्पन्न हो सकता है। बीजिंग टूटे चावल का सबसे बड़ा खरीदार है। ऐसे में भारत के इस कदम से चीन में आपूर्ति शृंखला प्रभावित हो सकती है। चीन में टूट चावल का इस्तेमाल मुख्य रूप से पशुचारे, नूडल्स और शराब बनाने में किया जाता है।

भारत कुछ अफ्रीकी देशों के लिए टूटे चावल का महत्वपूर्ण आपूर्तिकर्ता है। लेकिन, चीन की कृषि सूचना नेटवर्क की ओर से प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन भारतीय टूटे चावल का सबसे बड़ा खरीदार है। उसने अप्रैल, 2021 में भारत से 11 लाख टन टूटे चावल का आयात किया था। वहीं, भारत ने 2021 में रिकॉर्ड 2.15 करोड़ टन चावल का निर्यात किया था, जो दुनिया के शीर्ष चार निर्यातकों थाइलैंड, वियतनाम, पाकिस्तान और अमेरिका के कुल निर्यात से ज्यादा है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा कि भू-राजनीतिक हालात की वजह से टूटे चावल की वैश्विक मांग बढ़ी, जिससे पशुचारे सहित अन्य कमोडिटी की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं।


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