फेल हो चुकी है बुआ-बबुआ की भी जोड़ी

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2019 के लोकसभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव अपनी मुहबोली बुआ और बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती के पास पहुंचे। इस चुनाव में दोनों ने यूपी में गठबंधन किया। बिहार की तर्ज पर इसे भी महागठबंधन नाम दिया गया। हालांकि, कांग्रेस ने खुद को इस चुनाव में सपा से अलग रखा। बीजेपी के लिए यूपी को जीतना काफी महत्वपूर्ण था, क्योंकि 2014 के नतीजों ने सभी को चौंका दिया था। अमित शाह की रणनीति ने भगवा खेमे के 71 उम्मीदवारों को जीत दिलाई थी। 2019 के चुनाव में बीजेपी को सिर्फ 9 सीटों का ही नुकसान हुआ। मायावती फायदे में रही। उनके 10 उम्मीदवार सांसद बने। लेकिन नतीजों ने अखिलेश को चौंका दिया। उनकी पार्टी के सिर्फ 5 कैंडिडेट ही जीत पाए।
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