फूलपुर को लेकर क्यों उत्साहित है जेडीयू?

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फूलपुर उत्तर प्रदेश की हाई प्रोफाइल सीट मानी जाती है। यहां से भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू तीन बार सांसद चुने गए थे। इसके अलावा कई अन्य बड़े नेता भी यहां से चुनाव लड़ चुके हैं। लोगों के मन में इन दिनों एक सवाल यह है कि आखिर जेडीयू नीतीश कुमार के लिए यह सीट क्यों चुनना चाह रही है? इस सवाल का जवाब है यहां का जातीय समीकरण। फूलपुर पटेलों की सीट मानी जाता ही। पटेल यानी कुर्मी, जिस जाति से नीतीश कुमार आते हैं। इस सीट पर 17 प्रतिशत आबादी पटेल समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। जेडीयू को उम्मीद है कि अगर सपा नीतीश कुमार को सपोर्ट करती है तो उन्हें यादव और मुसलमाम वोटरों का साथ मिल मिलेगा। आपको बता दें कि इस सीट पर मुसलमान मतदाताओं की संख्या करीब 13 प्रतिशत है। यादवों की भी अच्छी आबादी है। ऐसे में जेडीयू यहां 1+1=2 के फॉर्मूले पर नीतीश कुमार की उम्मीदवारी पेश करती नजर आ रही है। लेकिन, जेडीयू को इस बात का भी ध्यन रखना होगा कि राजनीति में हमेशा यह फॉर्मूला हिट नहीं होता है। 2019 के लोकसभा के चुनाव में भी बुआ-बबुआ की जोड़ी फेल हो गई थी।
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