एहतियातन हिरासत पर सुप्रीम कोर्ट की तीखी टिप्पणी, व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर गंभीर हमला बताया

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सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी मसले पर पुलिस की ओर किसी व्यक्ति को एहतियातन हिरासत में लिए जाने को व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर गंभीर हमला बताया है। कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि एहतियातन हिरासत व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर गंभीर हमला है और इसलिए संविधान तथा इस तरह की कार्रवाई को अधिकृत करने वाले कानून में जो सुरक्षा प्रदान किए गए हैं, वे अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और उनका कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए।

चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित, जस्टिस एस. रवींद्र भट और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने त्रिपुरा सरकार द्वारा 12 नवंबर, 2021 को पारित एहतियातन हिरासत के आदेश रद्द करते हुए यह टिप्पणी की। पीठ ने इसके साथ ही, गैर-कानूनी तस्करी रोकथाम से संबंधित स्वापक औषधि एवं मन:प्रभावी पदार्थ कानून के तहत अपराधों के एक आरोपी को तत्काल प्रभाव से रिहा करने का निर्देश दिया।


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