अदालत पब्लिसिटी पाने का जरिया नहीं है...' EVM संबंधी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की नसीहत

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सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक राजनीतिक दल की ओर से दायर ईवीएम संबंधी याचिका को खारिज करते हुए तीखी टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत ऐसी जगह नहीं जहां हर को प्रचार पाने के लिए पहुंच जाए। याचिका में दावा किया गया था कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) पर चुनाव आयोग का नहीं, बल्कि कुछ कंपनियों का नियंत्रण होता है।

 सुप्रीम कोर्ट ने 50,000 रुपए के जुर्माने के साथ याचिका खारिज करते हुए कहा कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत चुनाव प्रक्रिया की निगरानी चुनाव आयोग (ईसी) जैसे संवैधानिक प्राधिकरण द्वारा की जाती है। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अभय एस ओका की पीठ ने अपने आदेश में कहा, 'ईवीएम लंबे समय से इस्तेमाल में है, लेकिन समय-समय पर मुद्दों को उठाने की मांग की जाती रही है। ऐसा प्रतीत होता है कि जिस दल को चुनाव प्रक्रिया के तहत मतदाताओं से मान्यता नहीं मिली है, वह याचिकाएं दायर करके मान्यता लेना चाहता है।'


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