मल्लिकार्जुन खड़गे के लिए आसान नहीं होगा कांग्रेस को बदलना, 50-50 फॉर्मूले में दिग्गज बनेंगे रोड़ा

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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जल्द अपनी नई टीम का गठन करेंगे। नए अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने के बाद अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के सभी पदाधिकारी अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं। लेकिन, यह त्यागपत्र अभी मंजूर नहीं हुए हैं। ऐसे में नई टीम के गठन तक पदाधिकारी अपने पद पर बने रहेंगे।

खड़गे के लिए एआईसीसी में अपनी नई टीम का गठन आसान नहीं है। पदभार संभालने के साथ उन्होंने उदयपुर नवसंकल्प के तहत 50 फीसदी हिस्सेदारी 50 साल से कम उम्र के लोगों को देने का ऐलान किया है। पार्टी अध्यक्ष इस फॉर्मूले पर अमल करते हैं, तो कांग्रेस कमेटी की तस्वीर पूरी तरह बदल जाएगी।

एआईसीसी की पदाधिकारियों की फेहरिस्त में 10 महासचिव और 12 प्रदेश प्रभारी हैं। इसके साथ करीब छह दर्जन सचिव और संयुक्त सचिव हैं। कांग्रेस अध्यक्ष 50 से कम उम्र फॉर्मूला लागू करते हैं, तो एआईसीसी के कम से कम आधे महासचिव बदल जाएंगे। क्योंकि, सभी महासचिवों की उम्र 50 या उससे ज्यादा है। प्रदेश प्रभारियों में भी तेलंगाना के प्रभारी माणिक टगौर के छोड़कर सभी की उम्र 50 साल से ज्यादा है। ऐसे में मल्लिकार्जुन खड़गे को करीब 50 फीसदी नए लोगों को प्रदेश प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपनी होगी। सचिव और संयुक्त सचिवों में भी आधे से ज्यादा 50 से ज्यादा की उम्र के हैं। ऐसे में नए लोगों को मौका देना होगा।

कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के मुताबिक, पिछले कुछ वर्षों में एआईसीसी में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं हुए हैं। ज्यादातर पदाधिकारी लंबे वक्त से किसी न किसी पद पर समिति में बने हुए हैं। ऐसे में बहुत ज्यादा लोगों के पास संगठन में काम करने का अनुभव नहीं है। ऐसे में खड़गे के लिए नई टीम के लिए लोग तलाशना मुश्किल है।

राजनीतिक जानकार मानते हैं कि खड़गे के पास इतना वक्त नहीं है कि वह नए लोगों को अपनी टीम में शामिल करें, उन्हें संगठन के लिए प्रशिक्षित करें, क्योंकि वर्ष 2024 तक लगातार विधानसभा और लोकसभा चुनाव हैं। ऐसे में खड़गे पर बेहतर प्रदर्शन का भी दबाव रहेगा। इसके लिए उन्हें अनुभवी लोगों की जरूरत होगी।


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