क्या होता है डर्टी बम

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तकनीकि तौर पर इसे रेडियोलॉजिकल डिस्पर्सल डिवाइस कहा जाता है। इसमें डायरेक्ट रेडियो एक्टिव कंटेंट नहीं होता। इसकी जगह रेडियो एक्टिव वेस्ट यानी विकिरण फैलाने वाले कचरे का इस्तेमाल किया जाता है। इनसे लोगों के मारे जाने का बहुत खतरा तो नहीं होता, लेकिन बीमारियां काफी फैला सकते हैं। इनमें कैंसर भी शामिल है। एटमी हथियारों से मीलों दूर तक तबाही होती है और चंद मिनट में ही लाखों लोग मारे जा सकते हैं। डर्टी बम इतना खतरनाक नहीं होता। एटमी हथियारों में यूरेनियम और प्लूटोनियम का प्योर मटेरियल होता है। डर्टी बम में एटमिक वेस्ट होता है। दूसरी बात इसका इस्तेमाल डायनामाइट के साथ किया जाता है।

क्या होता है डर्टी बम

 तकनीकि तौर पर इसे रेडियोलॉजिकल डिस्पर्सल डिवाइस कहा जाता है। इसमें डायरेक्ट रेडियो एक्टिव कंटेंट नहीं होता। इसकी जगह रेडियो एक्टिव वेस्ट यानी विकिरण फैलाने वाले कचरे का इस्तेमाल किया जाता है। इनसे लोगों के मारे जाने का बहुत खतरा तो नहीं होता, लेकिन बीमारियां काफी फैला सकते हैं। इनमें कैंसर भी शामिल है। एटमी हथियारों से मीलों दूर तक तबाही होती है और चंद मिनट में ही लाखों लोग मारे जा सकते हैं। डर्टी बम इतना खतरनाक नहीं होता। एटमी हथियारों में यूरेनियम और प्लूटोनियम का प्योर मटेरियल होता है। डर्टी बम में एटमिक वेस्ट होता है। दूसरी बात इसका इस्तेमाल डायनामाइट के साथ किया जाता है।

ICAN (इंटरनेशनल कैम्पेन टू एबोलिश न्यूक्लियर वेपन्स) की दो साल पहले जारी एक रिपोर्ट में कहा गया था- डर्टी बम एक तय या टारगेडेट इलाके में काफी नुकसान फैला सकता है। एटमी हमले में नुकसान का दायरा बहुत बड़ा होता है। अगर हवा तेज हो तो यह सैकड़ों किलोमीटर दूर तक असर कर सकता है। डर्टी बम से रेडिएशन बहुत ज्यादा और दूर तक नहीं होता।


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